रत्नेश सिंहा की नजर से प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ाता पालिका का शुद्ध प्याऊ घर
पब्लिक का कैमरा…
आनन्द कुमार
मऊ। स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत का नारा और स्वच्छता पर हो रहा बड़े पैमाने पर देश में काम लेकिन मऊ शहर के मुख्य मार्ग पर जिधर से जनपद के सभी आला अधिकारी रोज आते और जाते हैं ठीक वहीं पर प्रधानमंत्री मोदी का नारा अगर पालिका की व्यवस्था से किनारा होता नजर आये तो मजाक बनना लाजमी है। जी हां, खबर के साथ यह जो तस्वीर आप देख रहे हैं वह तस्वीर है नगर के नरईबांध स्थित गृहस्त प्लाजा के मुख्य द्वार के ठीक बगल में लगे नगर पालिका द्वारा प्याऊ घर की। बकायदे लाखों रुपए की लागत से पालिका ने यहां प्याऊ खड़ा तो कर दिया लेकिन प्याऊ के ठीक नीचे की हालात जो है वह तस्वीर खूद-ब-खूद बयां कर रही है। लाखों रुपए की लागत से बना प्याऊ घर पालिका की व्यवस्था पर स्वयं मुंह चिढ़ाने के साथ स्वच्छता अभियान को भी ठेंगा दिखा रहा है। यह तस्वीर हमें प्राप्त हुआ है सोशल मीडिया के माध्यम से जिसे अपने फेसबुक पेज पर इसे शेयर किया है मऊ के ही नागरिक रत्नेश सिन्हा ने। अधिकारियों, पालिका कर्मियों के नजर से बचता यह प्याऊ घर सिर्फ उन्हें ही नहीं मुंह चिढ़ा रहा जो इनके कर्ता-धर्ता हैं बल्कि बल्कि अभी बीते दो अक्टूबर व उसके आस पास की तारीखो पर सफाई अभियान के नाम पर फोटो शेयर करने बालो व अखबार में छपने बाले जन नेताओं सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं के मुंह पर तमाचा भी है। इतना ही नहीं नगर के वीआईपी जगह में से एक इस प्लाजा के पास लगे प्याऊ पर अब तक प्रिंट से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के किसी रिपोर्टर की नजर नहीं पड़ी यह भी एक प्रश्न है साथ ही हम पत्रकारों को आईना दिखाने के बराबर है। ऐसे में जब शुद्ध पीने के पानी के आस-पास की तस्वीर ऐसी होगी तो गंदगी के बीच में हालात क्या होगी यह आसानी से जाना और समझा जा सकता है। तस्वीर देख कर यह भी लग रहा है कि प्याऊ घर के पास यह हालात चंद दिनों का नहीं हैं बल्कि यह हालात है जब पालिका में शाहिना जमाल के नेतृत्व में अरशद जमाल के हाथ में कमान थी, तब भी थी। ऐसे में इतनी बड़ी चूक प्रतिदिन कैसे हो रही है। वहां सफाई कैसे नहीं होता है सोचनिय विषय है। मैं इस तस्वीर के लिए रत्नेश सिन्हा जी को बधाई देता हूं कि जिस तस्वीर को हम पत्रकारों की आंखें नहीं देख सकी, उसे उन्होंने पेश करके जिला प्रशासन नगर पालिका प्रशासन को ही नहीं हम पत्रकारों को भी आईना दिखाया है कि आखिर यह चूक हमसे कैसे हुई कि इस तस्वीर को हम पहले पेश न कर सके। आशा है कि इस प्याऊ घर के साथ पालिका प्रशासन अपने हर प्याऊ घर के आस-पास के हालातों को चेक कर कुछ ऐसी व्यवस्था करेगी, साफ-सफाई का कुछ ऐसा इंतजाम करेगी की, ऐसी तस्वीर सोशल मीडिया पर फिर कभी किसी दूसरे रत्नेश सिन्हा द्वारा पोस्ट न किया जा सके। यही नहीं इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर रत्नेश सिन्हा द्वारा पोस्ट करने के बाद राजेश कुमार मिश्रा ने अपने प्रतिक्रिया में लिखा कि सही पकड़े हैं, तो आलोक खंडेलवाल ने लिखा कि इसकी टंकी 2 साल से चू रही है। अगर दो साल से चू रही तब तो बेशर्मी की हद है।
ऐसे में जब शुद्ध पेयजल के आस पास के हालात ऐसे होंगे तो फिर बाकी साफ सफाई का व स्वच्छता के नारे का क्या होगा। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का स्वच्छ भारत का सपना कैसे पूरा होगा।