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ऑनलाइन “प्रोडक्ट बूस्ट” के नाम पर ठगी — आजमगढ़ साइबर पुलिस ने दिल्ली-लखनऊ में मारा छापा, चार गिरफ्तार

अन्तर्राज्यीय साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश — ₹13 लाख की ठगी करने वाले चार शातिर गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेज़ बरामद

आजमगढ़। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के निर्देशन में, अपर पुलिस अधीक्षक (यातायात) विवेक त्रिपाठी व क्षेत्राधिकारी (साइबर) आस्था जायसवाल के पर्यवेक्षण में
थाना साइबर क्राइम टीम ने एक अन्तर्राज्यीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
इन पर “ऑनलाइन प्रोडक्ट की सेल व मार्केट वैल्यू बढ़ाने के नाम पर ₹13 लाख की ठगी” का आरोप है।

💻 कैसे हुई ठगी — टेलीग्राम ग्रुप से शुरू हुआ धोखा

वादी भूपेन्द्रनाथ यादव, निवासी गांगेपुर, थाना रौनापार, आजमगढ़ ने शिकायत की कि
उनके पुत्र को “WOOCOMMERCE कंपनी” में “प्रोडक्ट बूस्ट” का झांसा देकर एक टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ा गया।
धीरे-धीरे विश्वास जीतकर आरोपियों ने कुल ₹12,64,249 रुपये विभिन्न खातों में जमा करा लिए।
शिकायत पर थाना साइबर क्राइम में मुकदमा मु0अ0सं0–28/25 धारा 318(4), 319(2), 317 BNS व 66C, 66D IT Act के तहत दर्ज किया गया।

🔎 गिरफ्तारी कैसे हुई — दिल्ली, गाजियाबाद और लखनऊ में चला ऑपरेशन

प्रभारी निरीक्षक देवेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में टीम ने कई दिनों तक तकनीकी सर्विलांस किया।
खाते के लेन-देन से आरोपी रोहित कुमार का नाम सामने आया, जिसने अपने साथियों मोनू, मोहित, अजय और शक्ति कपाड़िया का खुलासा किया।
तकनीकी निगरानी के बाद टीम ने लखनऊ के होटल APM Palace, विकासनगर में जाल बिछाया।
मुख्य आरोपी शक्ति कपाड़िया एटीएम और पासबुक लेने पहुंचा तो टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

📦 बरामदगी में मिला—
• 04 मोबाइल फोन
• 07 एटीएम कार्ड
• 02 आधार कार्ड
• 02 पासबुक
• 04 चेकबुक
• ₹540 नगद

🧠 पूछताछ में खुलासा — फर्जी Telegram IDs से चलाते थे नेटवर्क

मुख्य आरोपी शक्ति कपाड़िया ने बताया कि वह “SIMBA, LEE COOPER, NOBITA” नामक Telegram IDs से साइबर ठगों से संपर्क में था।
ये लोग “ऑनलाइन प्रोडक्ट बूस्ट”, “GST बचाने” और “पार्ट टाइम जॉब” के नाम पर लोगों को फंसाते थे।
• लोगों से बैंक खाता, पासबुक, एटीएम कार्ड और दस्तावेज़ कमीशन पर लेते थे।
• इन खातों में ठगी से आए पैसे ट्रांसफर होते थे।
• रकम को चेक, एटीएम या UPI से निकालकर नकद में बदल दिया जाता था।
• पैसे ‘Yash’ और ‘Simba’ नामक साथियों को सौंप दिए जाते थे जो वाहन में आकर रकम ले जाते थे।
• पहचान छिपाने के लिए ये लोग वर्चुअल नंबर और फर्जी सिम का प्रयोग करते थे।

👮‍♂️ गिरफ्तार अभियुक्त —

1️⃣ शक्ति कपाड़िया, पुत्र स्व. संतोष कपाड़िया, निवासी अलीगंज, लखनऊ
2️⃣ मोनू, पुत्र राम सिंह, निवासी रौतामई, जनपद कन्नौज
3️⃣ रोहित कुमार, पुत्र सत्यराम, निवासी फकरपुर बरेवा, कन्नौज
4️⃣ मोहित कुमार, पुत्र राजकुमार, निवासी बरका गांव, कन्नौज

⚠️ साइबर थाना की अपील —

“कोई भी अनजान लिंक, कॉल या टेलीग्राम/सोशल मीडिया ग्रुप से जुड़कर अपनी बैंक जानकारी साझा न करें।
किसी भी साइबर ठगी की स्थिति में तुरंत 1930 हेल्पलाइन या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।”

👥 पुलिस टीम —
• प्रभारी निरीक्षक – देवेन्द्र प्रताप सिंह
• निरीक्षक – विभा पाण्डेय
• कॉन्स्टेबल – एजाज खान, सभाजीत मौर्य, संजय कुमार, महिपाल यादव

📊 संक्षिप्त विश्लेषण:

यह गिरोह आधुनिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन बिज़नेस टर्म्स का दुरुपयोग कर युवाओं को झांसे में लेता था।
आजमगढ़ साइबर पुलिस ने न केवल तकनीकी दक्षता बल्कि अन्तर्राज्यीय समन्वय के ज़रिए एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है।
यह कार्रवाई साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच चेतावनी और जागरूकता दोनों का प्रतीक

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