एक सरकारी टीचर, सिर्फ़ एक बच्चे को पढ़ाने के लिए हर रोज़ 45 किमी का करती है सफ़र
हमारे जीवन और समाज में शिक्षा को सर्वोपरि माना गया है, इसीलिए हर कोई शिक्षा ग्रहण करना चाहता है, शिक्षा हर वर्ग के बच्चों को ज़रूरी होता है और ये उनका अधिकार भी है, हम आज़ादी के 75वें साल में प्रवेश कर गए हैं लेकिन आज भी कुछ बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, ऐसे में महाराष्ट्र के अटलवाड़ी में एक शिक्षिका ने ऐसा मिशाल पेश कर रही हैं जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है।
40 साल की मंगला धावले पेशे से एक शिक्षक हैं, और वो महाराष्ट्र के अटलवाड़ी के प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने वाली मात्र एक टीचर हैं, मंगला इस स्कूल में सिर्फ़ एक छात्रा शिया शेलार को पढ़ाती हैं, सबसे हैरानी की बात ये है कि मंगला धावले रोज़ 45 किमी का सफ़र कर सिर्फ़ एक छात्रा को इतनी दूर पढ़ाने आती हैं। इसी लिए इसे हौसले की मिशाल के तौर पर देखा जा रहा है। अटलवाड़ी पुणे के धायरी से लगभग 50 किमी दूर अंडगांव गांव की एक छोटी सी बस्ती है।
पुणे जिले के 3,638 प्राथमिक स्कूलों में से 21 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें एक छात्र और एक शिक्षक है, अटलवाड़ी स्कूल भी इन 21 स्कूलों में से एक है. इन स्कूलों में से ज्यादातर स्कूल जिले की पहाड़ी तालुकाओं में स्थित हैं, इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर न होने के कारण लोग शहरों की ओर पलायन कर गए हैं… और इसलिए यहां स्कूलों में छात्रों की संख्या बहुत कम है।