“बचपन के दोस्तों से तमीज से बात करना ही निहायत बदतमीजी है।”
@ सीए रत्नेश सिंह के शब्दों में.. कहते हैं आप कितने भी धनवान या सामर्थ्यवान बन जाय किन्तु आप ईश्वर
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