स्वामी प्रसाद मौर्या का बड़ा बयान, ‘कल के बाद आएगा तूफान’, BJP के उड़ जाएंगे परखच्चे

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चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद ही उत्तर प्रदेश की सियासत में उफान मचा है, अपनी जीत और अपना भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नेताओं का दल बदल का खेल जारी है।
इस बीच एक बार फिर BJP को छोड़ समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या ने बड़ा बयान दिया है। इस बार का उनका बयान BJP को और जायदा चुभने वाला है।
राजधानी लखनऊ के लोहिया ट्रस्ट में अपने नए नेता के साथ घंटों चली बैठक से निकले स्वामी ने कहा कि
‘कल के बाद तूफान आएगा और भाजपा के परखच्चे उड़ जाएंगे’
इस बैठक में स्वामी प्रसाद मौर्या, धर्म सिंह सैनी, सहित दर्जनों विधायक मौजूद रहे , सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई।
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने बीते मंगलवार को सरकार और पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, और बीजेपी को चुनौती भी दी कि ‘जो लोग भी अपने आपको तोप समझते हैं, उनसे वह मुकाबिल होने को तैयार हैं। वह टिकट के लिए पार्टियों के पीछे नहीं भागते, बल्कि पार्टियां टिकट देने के लिए उनके पीछे भागती हैं।’ दरअसल इस इस्तीफे के सिर्फ राजनीतिक मायने नहीं हैं, बल्कि सामाजिक मायने भी हैं। यह इस्तीफा महज एक इस्तीफा नहीं है, बल्कि एक बहुत बड़े सामाजिक बदलाव का संकेत भी है। यह इस्तीफा बताता है कि अति पिछड़ी जातियां सियासत की ड्राइविंग सीट पर आ चुकी हैं। उन्हें अब महज शो-पीस बनाकर नहीं रखा जा सकता। उनमें ताकत आई है और ताकत ने उनमें आत्मविश्वास पैदा किया है। वह पिछलग्गू बनकर चलने को तैयार नहीं हैं। वह बराबरी के स्तर पर बात करने की हिम्मत रखने लगे हैं। जोखिम लेने से उन्हें डर नहीं लगता। वह अपनी महत्वाकांक्षाओं का गला नहीं घोंटतीं। नई ऊंचाइयों के सपने देखना उन्होंने अपनी आदत में शुमार कर लिया है।
अगर ऐसा नहीं होता तो स्वामी प्रसाद मौर्य अपने आपको हर हाल में राजी रखते। वह मायावती को चुनौती नहीं देते। वह बीजेपी में आकर बीजेपी नेतृत्व को नहीं ललकारते। वह अपने दिल को तसल्ली देते रहते कि मंत्री तो बने ही हुए हैं, मंत्री पद के बदले जिस हाल में रखा जा रहा है, उसी में रह लिया जाए। ऐसा नहीं है कि अचानक अति पिछड़ा वर्ग की आबादी बढ़ गई है, जिसकी वजह से यह बदलाव देखने को मिल रहा है।