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पुरुष 40 व महिलाएं 45 की उम्र में एक बार शुगर, इसीजी, कोलेस्ट्रोल, इकोकार्डियोगाफी जरूर कराएं : डॉ. ए.के. श्रीवास्तव

o राहुल हास्पिटल में डॉ. (प्रो.) ए.के. श्रीवास्तव ने 80 मरीज़ों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण

मऊ। डिवाइन हार्ट एण्ड मल्टीस्पेशलिटी हास्पिटल, लखनऊ के चेयरमैन व पीजीआई हार्ट के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. (प्रो.) ए.के. श्रीवास्तव ने रविवार को जी फिनिक्स के सभागार में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आज के आधुनिक जीवन में एवं हृदय रोग व उच्च रक्त चाप अति गंभीर वैश्विक समस्या बन गई है। भारत में प्रत्येक 10 लोगों में एक व्यक्ति इससे ग्रसित है। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार करीब 6 करोड़ हृदय रोगी, 5 करोड़ मधुमेह और लगभग 3 करोड़ लोग भारत वर्ष में उच्च रक्त चाप से ग्रसित है। मधुमेह में रक्त में शुगर की मात्रा सामान्य से ज्यादा हो जाती है। इसका मूल कारण है कि इन्सुलीन नामक हारमोन की कमी से सुगर कोशिका (ग्लूकोज) के अंदर नहीं जाता है, लिहाजा रक्त का ही प्रवाह होता है। इन्सुलीन शरीर के एक ग्रन्थि पैकृयाज के बीटा सेल से निकलती है अगर अधिक मात्रा मैं अल्कोहल के सेवन से पैकृयाज में पथरी होने पर, इन्फेक्शन होने पर अगर पैकृयाज ग्रंथि को नुकसान होता है, तो इन्सुलिन का बनना बंद हो जाता है। शरीर में रक्त में सुगर की मात्रा अधिक होने पर हृदय की धमनियों में अवरोध हो जाता है और फिर सीने में दर्द होने के साथ साथ हृदय आघात होने की काफी संभावनाये बन जाती है। इससे महिलाओं मे 2-3 गुना हृदय आघात तथा हार्ट फेल होने की काफी संभावनाये बढ़ जाती है। यह पाया गया है कि महिलाओं शुगर का नियन्त्रण, पुरुषों के अपेक्षा कम पाया जाता है।

प्राय: यह पाया गया है कि अनियन्त्रित शुगर के प्रभाव से हृदय के साथ साथ आँख के रेटिना के धमनियों में भी अवरोध होता है (पर्दा), और लोगो में समय से पहले ही मोतियाबिंद एवं अंधापन का शिकार होना पड़ता है। मधुमेह से गुर्दा भी खराब हो जाता है। इसलिये मधुमेह एक खतरनाक बीमारी है, इसका पूरी तरह से नियंत्रण स्वस्थ्य रहने के लिये जरूरी हो जाता है बढ़े हुये शुगर के वजह से हृदय के धमनियों में भी अवरोध पैदा होने से मरीजो को छाती भारीपन, दर्द सांस फूलना जैसे लक्षण दिखने लगते है (एन्जाइना ), इसलिये पुरुष को 40 व एवं महिला को 45 वर्ष में एक बार शुगर, इसीजी, कोलेस्ट्रोल, इकोकार्डियोगाफी जरूर करा ले चाहिये, अगर छाती में भारीपन एवं दर्द हो तो एन्जयोग्राफी करा लेना चाहिये ताकि रोग पता चल सके, और उचित समय पर उपचार हो सके। बहुधा पर ये देखा गया है कि जिनका का शुगर नियंत्रण में नहीं रहता और काफी समय से काफी प्रभावशाली उपचार नहीं हो रह उन लोगों में हृदय की धमनियों में जगह जगह अवरोध होने से एंजियोप्लास्टी एवं बाई सर्जरी की सभी संभावनाये समाप्त हो जाती है। और धीरे-धीरे हार्ट आक्सीजन के कमी से फूलने लगता है और जीवन की अवधि भी काफी कम हो जाती है। महिलाओं में मधुमेह की वजह से हार्ट फेल 3-8 गुना बढ़ जाता है, पुरुषों की अपेक्षा में।
उन्होंने बताया कि शुगर से बचने के लिये, नियमित व्यायाम, दवा, खाने पीने के परहेज का ध्यान रखना चाहिए। अगर शुगर पारिवारिक है तो 30 वर्ष में ही जाच प्रक्रिया शुरु हो जाना चाहिये, और समय समय पर चिकित्सीय सलाह हृदय रोग हो जाने पर एवं बाइ पास की जरूरत पड़ती है। इस अवसर पर आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर पीएल गुप्ता, डॉक्टर अभिषेक श्रीवास्तव, श्रीमती आभा श्रीवास्तव, सचिन मौजूद रहे।
इसके पूर्व नगर के राहुल हास्पिटल में डॉ. (प्रो.) ए.के. श्रीवास्तव ने 80 मरीज़ों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया तथा उन्हें उचित परामर्श, जाँच व दवाई लिखी।

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