अटल जी भारत मां के सच्चे सपूत, राष्ट्र पुरुष, राष्ट्र के मार्गदर्शक व सच्चे देशभक्त थे : कृष्ण कांत राय

मऊ। भारतीय जनता पार्टी के जनपद कार्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ ही पुण्य तिथि मनाई गई।
इस अवसर पर भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी कृष्ण कान्त राय ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को याद करते हुए कहा की भारत मां के सच्चे सपूत, राष्ट्र पुरुष, राष्ट्र के मार्गदर्शक, सच्चे देशभक्त, ना जाने कितनी ही उपाधियों से पुकारे जाने वाले ‘भारत रत्न’ पंडित अटल बिहारी वाजपेयी सही मायने में ‘भारत रत्न’ थे।
इन सबसे भी बढ़कर पंडित अटल बिहारी वाजपेयी एक अच्छे इंसान थे, जिन्होंने जमीन से जुड़े रहकर राजनीति की और ‘जनता के प्रधानमंत्री’ के रूप में लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई थी। एक ऐसे इंसान जो बच्चे, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों सभी के बीच में लोकप्रिय थे।
देश का हर युवा, बच्चा उन्हें अपना आदर्श मानता था। अटल बिहारी वाजपेयी जी ने आजीवन अविवाहित रहने का निर्णय लिया लेकिन देश के हर युवा के अभिभावक की तरह था। देश के करोड़ों बच्चे और युवा उनके परिवार के सदस्य थे। इसी लगाव के कारण पंडित अटल बिहारी वाजपेयीजी बच्चों और युवाओं के दिल में खास जगह बनाते थे। भारत की राजनीति में मूल्यों और आदर्शों को स्थापित करने वाले राजनेता और प्रधानमंत्री के रूप में पंडित अटल बिहारी वाजपेयीजी का काम बहुत शानदार रहा। उनके कार्यों की बदौलत ही उन्हें भारत के ढांचागत विकास का दूरदृष्टा कहा जाता है।
सबके चहेते और विरोधियों का भी दिल जीत लेने वाले बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी पंडित अटल बिहारी वाजपेयी का सार्वजनिक जीवन बहुत ही बेदाग और साफ-सुथरा था। इसी बेदाग छवि और साफ-सुथरे सार्वजनिक जीवन की वजह से अटल बिहारी वाजपेयीजी का हर कोई सम्मान करता था। उनके विरोधी भी उनके प्रशंसक थे। पंडित अटल बिहारी वाजपेयीजी के लिए राष्ट्रहित सदा सर्वोपरि रहा, तभी उन्हें राष्ट्रपुरुष कहा जाता था।
पंडित अटल बिहारी वाजपेयी की बातें और विचार सदैव तर्कपूर्ण होते थे और उनके विचारों में जवान और उत्कृष्ट सोच झलकती थी। यही झलक उन्हें लोकप्रिय बनाती थी। पंडित अटल बिहारी वाजपेयीजी जब भी संसद में अपनी बात रखते थे, तब विपक्ष भी उनकी तर्कपूर्ण वाणी के आगे कुछ नहीं बोल पाता था। अपनी कविताओं के जरिए अटलजी हमेशा सामाजिक बुराइयों पर प्रहार करते रहे। उनकी कविताएं उनके प्रशंसकों को हमेशा सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती रहेंगी।
इस अवसर पर रमेश राय, नूपुर अग्रवाल, सुनील कुमार यादव, राघवेंद्र सिंह, विनोद गुप्ता, राधेश्याम सहित अनेकों कार्यकर्ता मौजूद रहे।