‘खेलो इंडिया’ से सवर रहा भारत का खेल- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज राष्ट्रीय खेलों के वर्तमान संस्करण में खेलों की संख्या में बढ़ोतरी की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप जोर देकर कहा कि पारंपरिक खेलों की शुरूआत से भारतीय संस्कृति का पुनरुत्थान हुआ है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा, वह कल्पना करते हैं कि इन पारंपरिक खेलों को ओलंपिक मंच पर अच्छी पहचान मिलेगी।
राष्ट्रीय खेलों के 37वें संस्करण के समापन समारोह को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि खेलों के प्रति माता-पिता के दृष्टिकोण में बुनियादी बदलाव आया है। उन्होंने कहा, “वो दिन गए जब खेलों में बच्चों की विस्तृत भागीदारी को लेकर माता-पिता चिंतित रहते थे। उन्होंने कहा, खेल मानव प्रतिभा की अभिव्यक्ति का सबसे महत्वपूर्ण मार्ग बन गए हैं”।
उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय नेतृत्व की भूमिका को भी स्वीकार किया, जिसने हमारे एथलीटों का मार्गदर्शन करने और 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने ‘खेलो इंडिया’ पहल की भी सराहना की, जिसके कारण गांवों में स्टेडियम खोले गए हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा, “अगर भारत फिट होगा तो वह आगे बढ़ सकता है”।