सब का जीवन उज्ज्वल,जगमग, घर-घर हो उजियारा
“दीपावली”-ज्योति-पर्व पर मित्रों को समर्पित!
डॉ० मनोज कुमार चतुर्वेदी की रचना
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गहन तिमिर को दूर करे ज्यों,
दीपक का उजियारा !
करें प्रकाशित हम भी जग को,
यह कर्तव्य हमारा !
शुभ कर्मों की ज्योति जला कर,
सब को सुखी बनाएँ !
सद्विचार, शीतल वाणी से,
सब का मन हर्षाएं !
जीवन से तम-कलुष मिटाएँ,
दुखियों का दु:ख बाँटें !
राग-द्वेष, सब भेद मिटा कर,
जड़ता की जड़ काटें !
दीप-पर्व ना बन जाए बस,
सालाना त्यौहार !
हमें प्रकाशमय करना होगा,
हर आचार-विचार !
पर्यावरण प्रदूषण रोकें,
जीवन स्वस्थ बनाएँ !
अन्तर का सब तमस मिटा कर,
आत्मिक ज्योति जलाएँ !
अन्दर बाहर हो प्रकाशमय,
हो यह यत्न हमारा !
सब का जीवन उज्ज्वल,जगमग,
घर-घर हो उजियारा !!
डॉ० मनोज कुमार चतुर्वेदी
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