मोख्तार हैं आरोपी! मऊ के बहुचर्चित मन्ना सिंह दोहरे हत्या कांड में फैसला 27 को
मऊ। नगर के बहुचर्चित अजय सिंह, मन्ना सिंह दोहरे हत्याकांड में शुक्रवार को फैसला आते-आते टल गया। अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट आदिल आफताब ने पत्रावली में 437 ए का कंप्लायंस नहीं होने तथा दो आरोपियों मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी व जामवंत कनौजिया के जेल से पेशी पर नहीं आने के कारण फैसले के लिए 27 सितंबर की तारीख नियत कर दिया।
बताते चलें कि शहर कोतवाली क्षेत्र के गाजीपुर तिराहे के पास स्थित यूनियन बैंक के सामने 29 अगस्त 2009 को ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । गोली लगने से उनके चालक शब्बीर और साथी राजेश राय घायल हुए थे। बाद में उपचार के दौरान राजेश राय की मौत हो गई। मृतक मन्ना सिंह के भाई हरेंद्र सिंह की तहरीर पर शहर कोतवाली में अज्ञात हत्यारोपियों के विरुद्घ मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने विवेचना के बाद सदर विधायक मुख्तार अंसारी, उमेश सिंह, रजनीश सिंह, संतोष सिंह, राकेश कुुमार पांडेय, अमरेश कन्नौजिया, अनुज कन्नौजिया, राजू उर्फ जामवंत कन्नौजिया, विनय सिंह,उपेंद्र सिंह, अरविंद यादव और कमलेश यादव को आरोपी बनाते हुए आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया। बाद में एक आरोपी कमलेश यादव की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई।
केवल 11 आरोपियों का विचारण न्यायालय में शुरू हुआ। अभियोजन की ओर से 16 गवाहो को पेश किया गया। वही बचाव पक्ष से चार गवाह तथा कोर्ट साक्षी के रूप में एक गवाह का बयान दर्ज हुआ। मामले में दोनो पक्ष की 18 सितंबर को बहस पूरी हो जाने के बाद एडीजे ने फैसले के लिए 22 सितंबर की तिथि नियत करते हुए सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया था। लेकिन पुलिस ने सदर विधायक व जामवंत कन्नौजिया को जेल से न्यायालय में पेश नहीं किया। जिसके बाद एडीजे ने पत्रावली में 437 ए का कंप्लायंस नहीं होने और दोनों आरोपियों के न्यायालय में हाजिर नहीं होने के कारण फैसले को डालते हुए 27 सितंबर की तारीख फैसले के लिए नियत कर दिया।