घोसी में राम लीला के दौरान दर्शक हुए भावुक, लगाये जय श्रीराम के जयकार
घोसी/ मऊ। स्थानीय नगर की रामलीला में सीता हरण के बाद जब श्री राम व लछ्मण सीता जी को ढूढते-ढूढ़ते वन के मार्ग से विचरण कर रहे थे तो दोनों भाइयों को देख कबंध नामक राक्षस मन ही मन प्रसन्न होते हुए उनके तरफ भक्षण हेतु उनके समीप पहुंचा लेकिन श्री राम ने वाण का संधान कर उसको मोक्ष प्रदान कर सेवरी के पास पहुंचे जो वर्षो से राम जी की प्रतीक्षा कर रही थी जो अपने राम को देख भाव विभोर हो उठी और अपने प्रभु के लिए जंगल से चख चख कर लाकर राम जी को खिलाती है जिसे प्रभु खा कर प्रसन्नता से भर जाते है और अपनी नवधा भक्ति का ज्ञान देते है उसके उपरान्त सेवरी पम्पासर का पता बताती हैजहां राम जी जाते है। जिन्हें दूर से आता देख सुग्रीव भयभीत हो जाता है और हनुमान जी को पता लगाने हेतु भेजता है तो विप्र रूप में हनुमानजी जाकर राम जी से पता पूछते है जब राम का नाम राम के मुँह से सुनते है तो चरणों मे गिर पड़ते हैं और बानरों के राजा सुग्रीव से ले जाकर मित्रता करवाते है जहाँ सुग्रीव सीता जी द्वारा गिराए गए आभूषण दिखाए और जिसकी पहचान राम और लक्ष्मण दोनों इस कि सुग्रीव ने श्री राम जी के लिए सीता जी को खोजने का संकल्प लिया इस राम लीला देख सभी दर्शक मार्मिक हो उठे तथा जय श्री राम के नारे Ρलगाने लगे उक्त कार्यक्रम में संरक्षक हरिश्चंद्र वर्मा रामलीला अध्यक्ष सुधीर श्रीवास्तव रामधारी सोनकर राम विलास सोनकर वायुनन्दन मिश्र कुबेर राम मौर्य केदार सोनकर राजेश गुप्ता अजित सोनकर सहित सैकड़ो नगरवासी मौजूद रहे।